Sunday, April 5, 2009

लाल गोपाल

पंडित जसराज का गया गया यह गीत तो होली का है लेकिन सुंदर गीत कभी भी सुने
जा सकते है गजब का जादू है इनके आवाज़ में मेरे लिए तो यह गीत बहुत सुकून देने वाला है
शायद आपको भी मज़ा आए


3 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

गीत कहाँ है ?

Science Bloggers Association said...

महाशक्ति ने सही कहा, भई हमें भी गीत कहीं नजर नहीं आ रहा है।
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सिर पर मंडराता अंतरिक्ष युद्ध का खतरा।
परी कथाओं जैसा है इंटरनेट का यह सफर।

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

मृगनयनी को यार नवल रसिया ... मन्त्र मुग्ध हो गया ...

इस तरह के और भी पोस्ट करते रहिये ...

dhanyawaad