पंडित जसराज का गया गया यह गीत तो होली का है लेकिन सुंदर गीत कभी भी सुने
जा सकते है। गजब का जादू है इनके आवाज़ में। मेरे लिए तो यह गीत बहुत सुकून देने वाला है
शायद आपको भी मज़ा आए।
Sunday, April 5, 2009
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यायावरी शगल है.....जाने कहाँ तक जाना है अभी?
3 comments:
गीत कहाँ है ?
महाशक्ति ने सही कहा, भई हमें भी गीत कहीं नजर नहीं आ रहा है।
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सिर पर मंडराता अंतरिक्ष युद्ध का खतरा।
परी कथाओं जैसा है इंटरनेट का यह सफर।
मृगनयनी को यार नवल रसिया ... मन्त्र मुग्ध हो गया ...
इस तरह के और भी पोस्ट करते रहिये ...
dhanyawaad
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