पंडित जसराज का गया गया यह गीत तो होली का है लेकिन सुंदर गीत कभी भी सुने
जा सकते है। गजब का जादू है इनके आवाज़ में। मेरे लिए तो यह गीत बहुत सुकून देने वाला है
शायद आपको भी मज़ा आए।
Sunday, April 5, 2009
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यायावरी शगल है.....जाने कहाँ तक जाना है अभी?